तेरी चाहत का

तेरी चाहत का ऐसा नशा चढ़ा है, की शायरी हम लिखते है, और दर्द पुरे मेंबर सहते हैं।

सौदेबाजी का हुनर

सौदेबाजी का हुनर कोई उनसे सीखे, गालों का तिल दिखा कर सीने का दिल ले गयी।

झूठ बोलता होगा

झूठ बोलता होगा चाँद भी.. रुठकर यूँ ही तो नहीं टूट जाते तारे…

आग में ठंडक

किसी को आग में ठंडक, कोई पानी में जलता है, किसी के पाँव बहके हैं, कोई घुटनों से चलता है…

कुल्हाड़ी के लोहे में

उस कुल्हाड़ी के लोहे में उसी का एक टुकडा पिरोया था… वो पेड़ जब कटा,बहुत रोया था..

दिल बहलाने के लिये

दिल बहलाने के लिये ही गुफ्तुगू कर लिया करो जनाब, मालूम तो मुझे भी है के हम आपको अच्छे नही लगते

हम ज़िंदा हैं।

हम आते हैं महफ़िल में तो सिर्फ एक वजह से, ताकि यारों को खबर रहे की अभी हम ज़िंदा हैं।

कोई टूटे तो

कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो, कोई रुठे तो उसे मनाना सीखो … रिश्ते तो मिलते है मुकद्दर से, बस उन्हे खूबसूरती से निभाना सीखों..

ये भी ज़िद है

ये तो सच है क़ि हमें चाहने वाले बहुत हैं, पर ये भी ज़िद है क़ि हमें सिर्फ तुम चाहो…!!

ऐ जिंदगी तू

ऐ जिंदगी तू सच में बहुत ख़ूबसूरत है…! फिर भी तू, उसके बिना अच्छी नहीँ लगती…!!

Exit mobile version