अलफ़ाज़ तो बदल जाते हैं

रुतबा तो.. ख़ामोशीयों का होता है अलफ़ाज़ तो बदल जाते हैं लोग देखकर…

दिन भर की मजदूरी

शाम को तेरा हंस के मिलना .. दिन भर की मजदूरी है !

मुझसे बातें करके

मुझसे बातें करके देखो अक्सर … मैं बातों में आ जाता हूँ…

ज़रा सा वक़्त सही

अकेले बैठोगे, तो मसले जकड लेंगे., ज़रा सा वक़्त सही , दोस्तों के नाम करो

अगर वास्ता नहीं होता

जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता ! क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता

तेरी गली का सफर

तेरी गली का सफर आज भी याद है मुझे…!! मैं कोई वैज्ञानिक नही था, पर मेरी “खोज” लाजवाब थी…!!

आप का सवेरा है

कहीं कहीं कोई तारा कहीं कहीं जुगनू जो मेरी रात थी वो आप का सवेरा है

ज्यादा कुछ नही

आसान सा रास्ता है बदनाम होने का यारो , ज्यादा कुछ नही फ़कत मोहब्बत कर लो…

जाने मैं कहाँ जा रहा हूँ

मैं तिनके सा बहा जा रहा हूँ .. जाने मैं कहाँ जा रहा हूँ …

कितना याद करता हूँ

पूछो इस दिल से की मैं तुम्हे कितना याद करता हूँ, पागल सी हो गई है वो कलम जिससे मैं तेरा नाम लिखता हूँ..!!

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