हमारा इश्क भी सूफियाना ही रहा… वो दे न पाए,और हम इंतज़ार करते रहे!!!
Category: प्यारी शायरी
तेरी तलाश में
तेरी तलाश में निकलू भी तो क्या फायदा? तुम बदल गए हो.. खो गए होते तो और बात थी..!!!
आज फिर रो के
आज फिर रो के चल दिए हमारे सामने से वो हमने तो बस इतना ही पूछा था की खुश तो रखता हे ना वो तुम्हे|
तेरे रुखसार से हटते हुए
तेरे रुखसार से हटते हुए आँचल की कसम।मैंने एक चाँद को बदली से निकलते देखा।
रोक लिया है
रोक लिया है ,अब ज़िन्दगी को भी… तुम आ जाओ तो, फिर से जीना शुरू करें !!!
लफ्ज़ उसकी यादो का
लफ्ज़ लफ्ज़ उसकी यादो का मेरे ज़हन में दर्ज है उसका इश्क़ ही इलाज है उसका इश्क़ ही मेरा मर्ज़ है|
तुम कब भूल जाओ
क्या पता तुम कब भूल जाओ ये मोहब्बत… जिसे हम ज़िन्दगी और तुम एक लफ्ज़ कहते हो…
जैसा याद और हिचकी
जैसा याद और हिचकी मे है वैसा ही कुछ ताल्लुक है तमाम कोशिशें नाकाम रहीं इस रिश्ते पर लफ्ज का रंग ना चढ़ा|
लिख लिख कर
लिख लिख कर छोड़ देते हैं शायरियां जिसके लिए बस, उन्ही को फ़ुरसत नहीं पढ़ने की !!
किसी और को चाहना
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं हे , ये दिल उसका हे , अपना होता तो बात और होती ।