फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं

फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं ,अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ… लोग मंदिर मस्जिदों में जाते है , मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ…

जिसकी भी कसम खाई

बडी ही शातिर दिमाग थी वो लडकी कसम से,. जिसकी भी कसम खाई थी सब मरे हुऐ निकले!

Mohabbat Milti hai

Suna tha Mohabbat Milti hai .. Mohabbat ke badle Hamari bari aayi To

एक मुकाम तक ले जाती है

एक मुकाम तक ले जाती है आगे दीवानगी रास्ता दिखलाती है|

टूटने के बाद भी

टूटने के बाद भी बस तेरे लिए धड़कता है, लगता है दिमाग ख़राब हो गया है मेरे दिल का..

आधा ही सही

आधा ही सही, मगर मुझको पुरा कर दे, वो एहसास है तु..

सौं ख्वाबो को पाला है

सौं-सौं ख्वाबो को पाला है… आंखो की औकात तो देखो ..

मेरे कंधे पर बैठा

मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पे खड़ा हो गया मुझी से कहने लगा “देखो पापा में तुमसे बड़ा हो गया” मैंने कहा “बेटा इस खूबसूरत ग़लतफहमी में भले ही जकडे रहना मगर मेरा हाथ पकडे रखना” “जिस दिन येह हाथ छूट जाएगा बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा” “दुनिया वास्तव… Continue reading मेरे कंधे पर बैठा

पता नहीं इश्क है

पता नहीं इश्क है या नहीं फिर भी तेरी परवाह करना अच्छा लगता है|

अपनी हर बात रो

अपनी हर बात रो रो के मनवाना ये आँसुओ का गलत इस्तेमाल है साहिब|

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