अपनी हालत का खुद को एहसास नहीं है मुझको….मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं…..!!!!
Category: पारिवारिक शायरी
वो बुलंदियाँ भी
वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब,, कि इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…??
तेरी सूरत को
तेरी सूरत को जब से देखा है, लोग मेरी आंखो पे मरते है..!!
आज एक दुश्मन ने
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा, यार इतना मत मुस्कुराया कर बहोत जलन होती है !!
हम आईना हैं
हम आईना हैं, आईना ही रहेंगे फ़िक्र वो करें, जिनकी शक्ल में कुछ और दिल में कुछ और है…
काश मोहब्बत के
काश मोहब्बत के भी इलैक्शन होते हम भी कुछ खर्चा करके जीत लेते उसको…
जिंदगी क्या हैं
जिंदगी क्या हैं मत पूछो दोस्तों! सवर गई तो दुल्हन, बिखर गई तो तमाशा हैं !
रोज़ आ जाते हो
रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में…. कोई देख लेगा तो हम क्या जवाब देंगे……
सख़्त हाथों से
सख़्त हाथों से भी…. छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ…. रिश्ते ज़ोर से नहीं…. तमीज़ से थामे जाते हैं…
सीने पे तीर खा कर
सीने पे तीर खा कर भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो…… निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है.