भरोसा ख़त्म हो जाने पे

भरोसा ख़त्म हो जाने पे कुछ बाक़ी नहीं रहता ये वो काग़ज़ है जिसकी कार्बन कापी नहीं होती|

ख़ामोशी बहुत कुछ

ख़ामोशी बहुत कुछ कहती हे , कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो !!

याद कर लेना

याद कर लेना मुझे तुम, कोई भी जब पास न हो ! चले आएंगे इक आवाज़ में, भले हम ख़ास न हों..!!

अभी तो साथ चलना है

अभी तो साथ चलना है समंदरों की लहरों मॆं…, . . . किनारे पर ही देखेंगे… किनारा कौन करता है?

दिल बेतहाशा दुखता है

दिल बेतहाशा दुखता है जनाब अपनों के बीच पराये बन कर देखो..

हमने दुनिया में

हमने दुनिया में मुहब्बत का असर ज़िन्दा किया है , हमनें दुश्मन को गले मिल-मिल के शर्मिन्दा किया है…!

जेब में ज़रा सा

जेब में ज़रा सा छेद क्या हो गया सिक्कों से ज़्यादा रिश्ते सरक गए|

दिल की आरज़ू है

आज तक दिल की आरज़ू है वही फूल मुरझा गया है बू है वही

अपनी ही जैसी

अपनी ही जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे , मेरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले ..

चांद के खुबसुरती की थी

चर्चा चांद के खुबसुरती की थी … झुंझला के वो बेनकाब हो गये…!!

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