एक आकाश था

एक आकाश था एक नदी थी मिलना मुश्किल था हालाँकि पूरा का पूरा आकाश नदी में था…

लोग तलाशते है

लोग तलाशते है कि कोई फिकरमंद हो, वरना ठीक कौन होता है यूँ हाल पूछने से?

बिखरने की आदत है

मोतियों को बिखरने की आदत है, लेकिन धागे की ज़िद है उन्हें पिरोए रखने की।

कभी जो मिलें फुरसत

कभी जो मिलें फुरसत तो बताना जरूर… वो कौन सी मौहब्बत थी जो मैं ना दे सका….

वो पन्ने आज भी

वो पन्ने आज भी कोरे हैं,जिन पर तुझको लिखना चाहा।

दिखाई देता नहीं

दिखाई देता नहीं दूर तक कोई मंज़र, वो एक धुंध मेरे आसपास छोड़ गया !

महफूज़ है सीने में. .

महफूज़ है सीने में. . . . और पुख्ता बहुत है, फिर क्यूँ ज़रा सी बात पे दिल दुखता बहुत है…!!

मैं चुप रहा

मैं चुप रहा और गलतफहमियां बढती गयी, उसने वो भी सुना जो मैंने कभी कहा ही नहीं…

आँखों में भी

आँखों में भी कुछ सपने सो जाते हैं सपनों में भी मुश्किल जब उनका आना लगता है….

यादों को याद बना कर

यादों को याद बना कर रख लिया जज्बातों को तेज़ाब बना कर रख लिया

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