चल पड़ा हूँ

चल पड़ा हूँ मगर दिल से ये चाहता हूँ.. उठ के मुझे वो रोक ले और रास्ता ना दे..

तुझसे मिलता हूँ

तुझसे मिलता हूँ तो सोच में पड़ जाता हूँ.. के वक्त के पाँव में जंजीर पह्नाऊ कैसे..

देर तक सीने पे

देर तक सीने पे मेरे सर रख कर तुम रोई थी.. मेरे बिन क्या जी लोगी…बस इतना ही पूछा था..

मोहब्बत बेखबर ले बैठेगी

तुमको तो तुम्हारी ये नजर ले बैठेगी हमको ये मोहब्बत बेखबर ले बैठेगी

दिल की हेराफेरी

दिल की हेराफेरी संभलकर कीजिये हुजूर.. अंजाम ऐ मोहब्बत जुर्म बड़ा संगीन होता है

तू मेरी क्या लगती है

कभी राजी तो कभी मुझसे खफ़ा लगती है ……… जिंदगी तू ही बता , तू मेरी क्या लगती है

तेरे जाते ही

तेरे जाते ही चेहरे पे उदासी आन बैठी है,मैं जिनमें मुस्कुराता हूँ वो सब फोटो पुराने है !!

मैंने कब तुझसे

मैंने कब तुझसे तेरे जाने की वजह पूछी है,पर मुझे छोड़ने से पहले कोई इलज़ाम तो लगा !!

हसरतें जिद्दी औलाद सी

हसरतें जिद्दी औलाद सी होती है… और जिंदगी मजबूर माँ सी..!

तमन्ना बस इतनी है

तमन्ना बस इतनी है अफ़सोस हो तुम्हें.. छोड़ा है तुम ने बहुत आसानी से मुझे..

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