पंछियों के मज़हब नहीं होते

अच्छा हुआ की पंछियों के मज़हब नहीं होते, बरगद भी परेशां हो जाता, मसले सुलझाते सुलझाते।

जिंदा दिली से चलती है..

कशिश हो तो दुनियां मिलने को मचलती है, जिन्दगी शर्तो से नहीं जिंदा दिली से चलती है..

अब चादर के नीचे

तुझे चिठ्ठीयाँ नहीं करवटों की नकल भेजेंगे.. अब चादर के नीचे .. कार्बन लगाने लगे हैं हम..

मेरी नजर है

तेरे दीदार के काबिल कहाँ मेरी नजर है ……. वो तो तेरी रहमत है जो तेरा रुख इधर है ।।………

Waqt Lagata Hain

Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha… Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…

अच्छी होती है

शोहरत अच्छी होती है, गुरूर अच्छा नहीं होता.. अपनों से बेरुखी सेे पेश आना, हुज़ूर अच्छा नहीं होता !!

प्यार का अंदाज़

खुबसूरत हो लेकिन प्यार का अंदाज़ नहीं…. यही कमी हैं तुझमें के तेरा कोई हमराज नहीं

मैं दिया हूँ

मैं दिया हूँ …. दुश्मनी तो सिर्फ़ अँधेरे से है मेरी …. हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ़ है …!!

चाहने की आदत

बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में, लेकिन, तुम्हें वो टूट कर चाहने की आदत अब तक नहीं बदली..

मुक़द्दर की बात है

मेरी तबाहियों में तेरा हाथ है मगर… मैं सबसे कह रहा हूँ मुक़द्दर की बात है..

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