जेब में कई बार हाध डाला कुछ न था शायद किसी मजबूर की आहों का धुवाँ था|
Category: प्यारी शायरी
बड़ी जल्दी ख्याल आया
वाह मेरे महबूब बड़ी जल्दी ख्याल आया मेरा.. बस भी करो चूमना.. अब उठने भी दो जनाज़ा मेरा..
अमीरी जब तक
अमीरी जब तक अपने शौक़ पूरे कर सोती है । मुफ़लिसी जाग जाती है एक और दिन के लिए ।।
एक जैसी ही दिखती थी
एक जैसी ही दिखती थी.. माचिस की वो तीलियाँ.. कुछ ने दिये जलाये.. और कुछ ने घर..!
अलफ़ाज़ तो बदल जाते हैं
रुतबा तो.. ख़ामोशीयों का होता है अलफ़ाज़ तो बदल जाते हैं लोग देखकर…
दिन भर की मजदूरी
शाम को तेरा हंस के मिलना .. दिन भर की मजदूरी है !
मुझसे बातें करके
मुझसे बातें करके देखो अक्सर … मैं बातों में आ जाता हूँ…
ज़रा सा वक़्त सही
अकेले बैठोगे, तो मसले जकड लेंगे., ज़रा सा वक़्त सही , दोस्तों के नाम करो
अगर वास्ता नहीं होता
जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता ! क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता
तेरी गली का सफर
तेरी गली का सफर आज भी याद है मुझे…!! मैं कोई वैज्ञानिक नही था, पर मेरी “खोज” लाजवाब थी…!!