आज तक दिल की आरज़ू है वही फूल मुरझा गया है बू है वही
Category: प्यारी शायरी
अपनी ही जैसी
अपनी ही जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे , मेरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले ..
चांद के खुबसुरती की थी
चर्चा चांद के खुबसुरती की थी … झुंझला के वो बेनकाब हो गये…!!
अगर फितरत हमारी
अगर फितरत हमारी सहने की नहीं होती, तो हिम्मत भी तुम्हारी कहने की नहीं होती !!
किसी गुलाब से
किसी गुलाब से कोई मतलब नहीं मुझे, सिर्फ आप और आप ही महकती रहो |
जो आपकी जिंदगी में
जो आपकी जिंदगी में, कील बनकर चुभे, उन्हें एक बार, हथौड़ी बन कर, ठोक दो…….
इम्तहान भी उनके
नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते है… इम्तहान भी उनके जबरदस्त होते है..!!
यह सिद्ध करने के लिये
बहस यह सिद्ध करने के लिये होती है कि “कौन सही है” जब की बातचीत यह तय करती है कि “क्या सही है”
किसकी पनाह में
किसकी पनाह में तुझको गुज़ारे ऐ जिंदगी, अब तो रास्तों ने भी कह दिया है, कि घर क्यों नहीं जाते !
गिला भी तुझ से
गिला भी तुझ से बहुत है… मगर मोहब्बत भी… वो बात अपनी जगह है… ये बात अपनी जगह.