ख़ुदा करें, मुझ से ऐसा कोई क़ुसूर हो जाए मुझे कर के क़ैद, वो अपने साथ ले जाए….
Category: गुस्ताखियां शायरी
तु बेवफ़ा है
तु बेवफ़ा है तो ले एक बुरी ख़बर भी सुन ले, कि इंतज़ार मेरा कोई दूसरा भी करता है !
गज़ब की धुप
गज़ब की धुप है शहर में फिर भी लोगों के दिल यहां क्यों नहीं पिघलते ?
आप अपनी मंज़िल
आप अपनी मंज़िल पर कभी नहीं पहुँच पाएँगे अगर आप रास्ते में भोंकने वाले हर कुते को पत्थर मारेंगे ….!!!
रो रो कर ये
रो रो कर ये पुछा, मुझसे मेरे पैर के छालोँ ने..!! . . बस्ती कितनी दुर बसा ली, दिल मेँ बसने वालोँ ने..!
कच्ची मिट्टी का
कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर, ढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर..
जमीन जल चुकी है
जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है, दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है…! वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं, उन्हीं की आँखों में अब तक ईमान बाकी है..!! बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर, किसी का मकान गिरवी है और किसी का लगान बाकी है…!!!
साफ दामन का दौर
साफ दामन का दौर खत्म हुआ है अब, लोग अपने धब्बों पर गुरूर करने लगे हैं…
जन्नत का हर लम्हा
जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था ।। माँ तूने गोद मे उठा कर जब प्यार किया था | |
अब मैं कुछ कहता नही
अब मैं कुछ कहता नही तुमसे ,, बस लिखकर मिटा देता हूँ , भेजता नही हूँ तुम्हे , इससे मेरा कहना भी हो जाता है और तुम सुनते भी नहीं |