दिल टूटने का दर्द कभी कम नहीं होता बस दर्द सहने की आदत पड़ जाती है !!
Category: गुस्ताखियां शायरी
सारी उम्र भागते रहे
सारी उम्र भागते रहे कमाने को माँ के पैर में देखा तो खज़ाना था जिसको थाली में रोज़ छोड़ा हमने हक़ीक़त में किसी ग़रीब का खाना था|
जो मुँह तक उड़ रही थी
जो मुँह तक उड़ रही थी, अब लिपटी है पाँव से…, ..बारिश क्या हुई मिट्टी की फितरत बदल गई….
मुझे आज भी है
उन्हें इश्क़ हुआ था, मुझे आज भी है !!
कब्र सजा कर
कब्र सजा कर मोहब्बत की दुहाई देते हो, हीरे जड़ देने से कब्रिस्तान महल नहीं होता।
इश्क़ में वफादारी की
है क्या बिसात आखिर इश्क़ में वफादारी की, जो कल था वो आज है ,मगर कल नहीं होता।
एक काम करते हैं
चलो एक काम करते हैं नफ़रत को बदनाम करते हैं |
दावे वो कर रहे थे
दावे वो कर रहे थे हमसे बड़े बड़े छोटी सी इल्तिजा की अँगूठा दिखा दिया..
बैठा सोच रहा हूँ
कब से बैठा सोच रहा हूँ ये कैसी खुदाई है मैंने अपनी सेल्फ़ी ली,तस्वीर तुम्हारी आई है।
दिल बेज़ुबाँ है
दिल बेज़ुबाँ है शायद इसका यही गुनाह है |