अपनी पीठ से निकले खंजरो को गिना जब मैंने…
ठीक उतने ही थे जितनो को गले लगाया था मैंने!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अपनी पीठ से निकले खंजरो को गिना जब मैंने…
ठीक उतने ही थे जितनो को गले लगाया था मैंने!!