कोई प्यासा दिखे तो

आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ,
वो नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ,
एक क़तरा हूँ मुझे ऐसी फितरत दे भगवन’
कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊ…!!!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version