ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा

ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब
है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले
जा रहे हैं….!!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version