आँख भर आयीं तुम्हारी .. क्यों मुझे देख कर ….
भला पत्थर भी रोते हैं कभी शीशे के ज़ख़्मों पर
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आँख भर आयीं तुम्हारी .. क्यों मुझे देख कर ….
भला पत्थर भी रोते हैं कभी शीशे के ज़ख़्मों पर