तेरे बिना ये जिन्दगी कितनी अँधूरी हैँ,
तेरे पास ना होने कि क्या मजबूरी हैँ,
अगर तू कहेतो ये जिन्दगी गमोमे गुजार दू,
सिर्फ तेरी आवाज सुननेकी चाहत अँधूरी हैँl
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरे बिना ये जिन्दगी कितनी अँधूरी हैँ,
तेरे पास ना होने कि क्या मजबूरी हैँ,
अगर तू कहेतो ये जिन्दगी गमोमे गुजार दू,
सिर्फ तेरी आवाज सुननेकी चाहत अँधूरी हैँl