उबाल इतना भी ना हो कि खून सूख कर उड़ जाए;
धैर्य इतना भी ना हो कि, खून जमें तो फिर खौल ही ना
पाए ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उबाल इतना भी ना हो कि खून सूख कर उड़ जाए;
धैर्य इतना भी ना हो कि, खून जमें तो फिर खौल ही ना
पाए ।