आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . .
पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . .
पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .