हमसे मुकम्मल हुई ना कभी, ए जिन्दगी तालीम तेरी…।
शागिर्द कभी हम बन न सके, और उस्ताद तूने बनने ना दिया ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमसे मुकम्मल हुई ना कभी, ए जिन्दगी तालीम तेरी…।
शागिर्द कभी हम बन न सके, और उस्ताद तूने बनने ना दिया ।।