लड़ के थक चुकी हैं जुल्फ़ें तेरी छूके उन्हें आराम दे दो,
क़दम हवाओं के भी तेरे गेसुओं से उलझ कर लड़खड़ाने लगे हैं!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लड़ के थक चुकी हैं जुल्फ़ें तेरी छूके उन्हें आराम दे दो,
क़दम हवाओं के भी तेरे गेसुओं से उलझ कर लड़खड़ाने लगे हैं!