तुम्हारा साथ भी छूटा , तुम अजनबी भी हुए
मगर ज़माना तुम्हें अब भी मुझ में ढूंढता है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुम्हारा साथ भी छूटा , तुम अजनबी भी हुए
मगर ज़माना तुम्हें अब भी मुझ में ढूंढता है !!