क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने को,
कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती हैं…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने को,
कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती हैं…!!!