काम किसी के आये इंसान उसे कहते हैं,
दर्द पराया उठा सके इंसान उसे कहते हैं,
दुनियाँ एक पहेली कहीं धोखा कहीं ठोकर,
गिर के जो संभल जाये इंसान उसे कहते हैं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
काम किसी के आये इंसान उसे कहते हैं,
दर्द पराया उठा सके इंसान उसे कहते हैं,
दुनियाँ एक पहेली कहीं धोखा कहीं ठोकर,
गिर के जो संभल जाये इंसान उसे कहते हैं।