सख़्त हाथों से भी
छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ
रिश्ते ज़ोर से नहीं
तमीज़ से थामे जाते हैं….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सख़्त हाथों से भी
छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ
रिश्ते ज़ोर से नहीं
तमीज़ से थामे जाते हैं….