जिदंगी गुजर ही जाती है, तकलीफें कितनी भी हो;
मौत भी रोकी नही जाती, चाहें तरकीबें कितनी भी हो ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जिदंगी गुजर ही जाती है, तकलीफें कितनी भी हो;
मौत भी रोकी नही जाती, चाहें तरकीबें कितनी भी हो ।