दिल-ए-वहशी को ख़्वाहिश है तुम्हारे दर पे आने की
दिवाना है लेकिन बात करता है ठिकाने की |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल-ए-वहशी को ख़्वाहिश है तुम्हारे दर पे आने की
दिवाना है लेकिन बात करता है ठिकाने की |