जो फायदा उठाया हैं।

अपने लुटने का मुझको रंज नहीं, गम अगर है तो सिर्फ इतना,मेरे किरदार की शराफत से उसने जो फायदा उठाया हैं।

गैरों से पूछती है

गैरों से पूछती है तरीके निजात के अपनों की साजिशों से परेशान जिन्दगी|

तुम बदले तो

तुम बदले तो मजबूरियाँ थी… हम बदले तो बेवफ़ा हो गए…!

मेरी बातों से

मेरी बातों से कुछ सबक़ भी ले ..मेरी बातों का कुछ बुरा भी मान ..

खुद को देखता है आइना.!

आंखें अपनी साफ़ तो रखिये ज़रा.. उन में खुद को देखता है आइना.!

दिल के पुरे सुकून के साथ..

आप सो जाइये अब दिल के पुरे सुकून के साथ.. मुझे तो आपके ख्याल इस रात अभी और जगायेंगे..

जुदा नहीं कर पाएगा हमें..

फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें…अगली बार आऊंगा मैं तेरे मजहब का बनके…

मेरे अज़ीज़ ही मुझ को

मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं, मैं अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहती….

साथ जब भी छोडना

साथ जब भी छोडना मुस्कुराकर छोडना ताकि दुनिया ये न समझे हममे दूरी हो गई…

मेरे दिल का करार था

मेरे दिल का करार था वो जो अब कही खो गया…. मैं बाहर ढूँढता रहा उसे के वो मुझमे ही सो गया|

Exit mobile version