धीमी-धीमी नस चलें, रुक-रुक करके श्वास। जीने की अब ना रही, थोड़ी सी भी आस।।
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रह रह कर मुझको
रह रह कर मुझको रुलाती है वो , आसमां से मुझको बुलाती है वो।
बेजुबान पत्थर पे
बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..! उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!
खुद मेँ झाँकने के लिए
खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए, दूसरों की शिनाख्त मेँ तो हर शख़्स माहिर है..!!
यूँ ना देखा करो
यूँ ना देखा करो खुदा के लिये, हो गई मोहब्बत तो मुसीबत हो जायेगी
बिन बुलाये आ जाता है
बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता, ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..
हमें गुजारने को
हमें गुजारने को ज़िन्दगी थी बस एक बहाने कि जरुरत, रास्ते में लोग गम देते गये और हमारी बसर होती गयी.
मन मुताबिक़ नही चल रही
अभी हवा मन मुताबिक़ नही चल रही सच का क्या है, सहूलियत से कह देंगे…
जाने कैसे उसने भुला दिये
जाने कैसे उसने भुला दिये वो पल., जिनको अपनी ज़िन्दगी कहा करता था वो….
सुलझा रही हूँ
सुलझा रही हूँ एक एक करके सारी उलझनें, जाने क्या होगा जब इश्क से सामना होगा ..!!!