पैसा और मज़ाक

पैसा और मज़ाक सही समय और सही जगह देख कर उड़ाना चाहिए ….!!

ना वो मिलती है

ना वो मिलती है, ना मै रुकता हूँ .. .. पता नही, रास्ता गलत है या मंजिल !!

हम को भी

हम को भी चैन कि नींद आयेगी एक दिन, एक दिन हम भी ज़मीन ओढ़ कर सो जायेंगे

दिन गुजर जाता है

सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में, फिर रातको उसकी यादों की हवा चलती हैऔर हम फिर बिखर जाते है…

नहीं मुमकिन छिपा पाना

नहीं मुमकिन छिपा पाना खुदी को आईने में कभी आँखें, कभी साँसें, हकीकत बोलती हैं…….

मेरा यही अंदाज

मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है………..की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है….

बड़े शोख से

जमाना तो बड़े शोख से सुन रहा था हमी सो गए दास्ता कहेते कहेते

चाँद का अंदाज़

कितनी मुश्किलों से…..फलक पर नजर आता है. ईद के चाँद का अंदाज़…..बिलकुल तुम्हारे जैसा है….

यहीं उतार चले…

ये जिस्म क्या है कोई पैरहन उधार का है यहीं संभाल कर पहना यहीं उतार चले…

बिन सलाखों के

क़ैदखाने हैं, बिन सलाखों के, कुछ यूँ चर्चे हैं, उनकी आँखों के…

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