हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी, ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है|
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मेरे हर जज़्बात से
मेरे हर जज़्बात से वो बहुत आगे निकल गया… मेरा मेहबूब चाँद है. कल आयेगा फिर…. आज ढल गया..
ना मिला कोई
ना मिला कोई तुम जैसा आज तक , पर तकलीफ ये है कि मिले तुम भी नही|
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से, वो और थे जो हार गए आसमान से…
तुम्हारे बगैर ये वक़्त
तुम्हारे बगैर ये वक़्त, ये दिन और ये रात.. गुजर तो जाते हैं मगर, गुजारे नहीं जाते|
कुछ बोले बिना
कुछ बोले बिना फिर तुम चले गए अब सपनो में आओगे…. बिना इज़ाज़त ये आदत ठीक नहीं तुम्हारी…
क्यूँ नहीं महसूस होती
क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ….! जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे…!!!!
जब अपनी कसमें
तुझको भी जब अपनी कसमें अपने वादे याद नहीं, ऐ सनम……. हम भी अपने ख्वाब तेरी आंखों में रख कर भूल गए…
वक़्त बीतने के बात
वक़्त बीतने के बात अक्सर ये एहसास होता है…. जो छूट गया वो लम्हा बेहतर था…!!
तेरे ग़म का नमक
तेरे ग़म का नमक चख कर, ना पूछ.. किस कदर मीठी लग रही है ज़िन्दगी…