तू डूबने से

तू डूबने से यकीनन मुझे बचा लेगा, मगर तेरा एहसान मार डालेगा..

दिल से पूछो तो

दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो, ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।।

तेरे याद के बिना

तेरे याद के बिना रात मुकम्मल ही नहीं होती, देख तेरी कितनी आदत सी हो गई है मुझे।।

अजीब भूल है तुम्हारी

तुमहे भूलेंगे और वो भी हम?? उफ्फ़ कितनी अजीब भूल है तुम्हारी।।

मोहब्बत आज भी

मोहब्बत आज भी करते है एक दूसरे से, पर बताते अब वो भी नहीं और जताते हम भी नहीं।।

सारा जंगल तलाश कर

सारा जंगल तलाश कर डाला, सांप अपनी ही आस्तीन में मिला।।

आज तू ही

आज तू ही बता दे तू है कौन, तेरी हर बात छू जाती है दिल को मेरे।।

हम में तो ख़ैर हिम्मत है

हम में तो ख़ैर हिम्मत है “दर्द ” सहने की, तुम बताओ थक नहीं जाते दर्द देते देते…!!

बड़ा अरमान था

बड़ा अरमान था तेरे साथ जीवन बिताने का; शिकवा है बस तेरे खामोश रह जाने का; दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी? आज भी इंतज़ार है तेरे आने का!

न मेरा एक होगा

न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा, न तारिफ तेरी होगी, न मजाक मेरा होगा. गुरुर न कर “शाह-ए-शरीर” का, मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा !!!

Exit mobile version