कलम में जोर

कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है, मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते है……..

हम बिछड़े थे

कितने दर्दनाक थे वो मंज़र, जब हम बिछड़े थे, उसने कहा था जीना भी नहीं और रोना भी नहीं..

वो आये या

वो आये या ना आये, उसकी मर्ज़ी है दोस्त, उन राहों को मगर आज़ सज़ा कर देखते हैं.

तेरे बिन मर जाऊँगा

राज ज़ाहिर ना होने दो तो एक बात कहूँ,, मैं धीरे- धीरे तेरे बिन मर जाऊँगा।

मिल जाऊँगा

भीङ’ मेँ भी मिल जाऊँगा ‘आसानी’ से तुम्हे, ‘खोया-खोया’ सा रहना ‘निशानी’ है मेरी

मेरी जान लेती है

कुछ इस तरह, वो मेरा इम्तिहान लेती है, … मेरी जान होकर, रोज़ मेरी जान लेती है ।

लगा रहने दो

पेड़ बूढ़ा ही सही घर मे लगा रहने दो फल ना सही छाँव तो देगा

मेट्रो सा गुमनाम

तुम स्टार प्लस सी मशहूर……..!! मैं डीडी मेट्रो सा गुमनाम……..!!

खामोश सी रही

जुबान मेरी खामोश सी रही और अंगूठे तुमसे बतियाते रहे..!!!

Jawab Aankhon Main

Mere Saaray Sawal Honton Par… Us Kay Saaray Jawab Aankhon Main…☆☆

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