ये सोच कर रोज मिलते हैं

ये सोच कर रोज मिलते हैं हम उनसे, शायद कभी तो पहली मुलाक़ात हो।

आज दर्द उतना ही हैं

आज दर्द उतना ही हैं मेरे भीतर, जैसे शराब से भरा हुआ जाम। अब और भरो तो छलक आएगा।

एक सुबह हो जाती हैं

एक सुबह हो जाती हैं हर शाम मेरी, ऐसा भी एक रात रहती हैं मेरे दिन में।

जब से तुम्हारा पता

जब से तुम्हारा पता मालूम हुआ हैं। पता नही क्या क्या भूल गया हूँ मैं।

तुमसे हारा मैं

तुमसे हारा मैं, जिस बात पर, तुम्हारे बात ना करने की बात थी।

ये बेवजह मेंरा वजह ढूंढ

ये बेवजह मेंरा वजह ढूंढ लाना, तेरी दी हुई आदतों में से ही एक हैं।

ये मत सोचो तुम छोङ दोगे

ये मत सोचो तुम छोङ दोगे तो हम मर जायेँगे ,वो भी जी रहे है जिनको तेरी खातिर हमने छोङा था .

तुमने मजबूर किया

तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये .

हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला

हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई.

ना रख उम्मीद-ए-वफ़ा

ना रख उम्मीद-ए-वफ़ा किसी परिंदे से,जब पर निकल आते हैं तो अपने भी आशियाना भूल जाते हैं.

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