होगी मजबूरी कोई

होगी मजबूरी कोई वजह मानता हूँ, मैं जुबां तेरी साँसों की जानता हूँ।।

सफर कहाँ से

सफर कहाँ से कहाँ तक पहुँच गया मेरा.. रुके जो पांव….तो कांधो पे जा रहा हूँ मैं..

लहज़ा शिकायत का था

लहज़ा शिकायत का था मगर, सारी महफिल समझ गयी मामला मोहब्बत का है !!

आज धुंध बहुत है…

आज धुंध बहुत है……. काश मै टकरा जाऊँ तुमसे..

मेरे दिल ने

मेरे दिल ने आज उसको बहुत याद कर रहा है।।दोस्त दुआ करो की उसे भूल जाऊँ..

दिल रोज सजता है

दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!! गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!

आज बहुत मेहरबान हो

आज बहुत मेहरबान हो सनम क्या चाहते हो, हमें पाना चाहते हो या किसी को जलाना चाहते हो…

बहुत मुश्किल नहीं हैं

बहुत मुश्किल नहीं हैं, ज़िंदगी की सच्चाई समझना,जिस तराज़ू पर दूसरों को तौलते हैं, उस पर कभी ख़ुद बैठ के देखिये।

कहाँ मिलता है

कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला? जो भी मिलता है समझा के चला जाता है।

घोंसला बनाने में ..

घोंसला बनाने में .. हम यूँ मशगूल हो गए ..! कि उड़ने को पंख भी थे .. ये भी भूल गए ..!!!

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