मेरी दुल्हन बनकर

जिस दिन तूम आओगी मेरे घर मेरी दुल्हन बनकर उस दिन को मै मनाऊ गा नए साल की तरह

तुम्हारे चेहरे को

कैद कर के तुम्हारे चेहरे को, मेरी आँखों ने खुदकुशी कर ली

इजाज़त है तुम्हे

भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे…. न भूल पाओ तो लौट आना एक और भूल की इजाज़त है तुम्हें…..

मर्जी वफा कर लो

कुछ नही मिलता जितनी मर्जी वफा कर लो किसी से… मेरे दोस्त… जब वक़्त वफ़ा ना करे तो…. वफादार भी बेवफा हो जाता है.

कार्य करने के लिए

परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे.. . . हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे… ……

मुझे भी आता था

हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है, . उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है …. वर्ना जीना मुझे भी आता था….. …..

धड़कन तो इसे

अगर रुक जाये धड़कन तो इसे मौत न समझना…. अक्सर होता है ऐसा तुझे याद करते-करते….

प्रवचन देता है

आदमी सुनता है मन भर’. सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर; और खुद ग्रहण नही करता कणभर।

तुम खुद ही

मेरी नजर से कभी खुद को देखना, . तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे…!!

धड़क रहा होगा

मेरा नाम लिखकर छूकर देखना कभी… कोई दिल वहाँ भी धड़क रहा होगा

Exit mobile version