इश्क़ ऐसा करो

इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए, सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए, प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए, बात कोई भी हो,पर नाम उसी का आए….

दोनों आखों मे

दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना हम तुम्हे याद किया करते हैं

हम जिनके दीवाने है

हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे, हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे, तो हंस के कहने लगे, के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..

उम्र ढ़लते देर कहाँ लगती है..

उम्र ढ़लते देर कहाँ लगती है.., साल भी देखो चार दिन पुराना हो गया !

शाम का वक्त

शाम का वक्त हो और ‘शराब’ ना हो…! इंसान का वक्त इतना भी ‘खराब’ ना हो…!!

जिन्हें महसूस इंसानों के

जिन्हें महसूस इंसानों के रंजो-गम नहीं होते… वो इंसान भी हरगिज पत्थरों से कम नहीं होते..

खुशबू बता रही है

खुशबू बता रही है,,,,, वो शख्स दरवाजे तलक आया था

आँगन आँगन ज़हर

आँगन आँगन ज़हर बरसाएगी उस की चाँदनी…!!! ☝वो अगर महताब की सूरत उजागर हो गयी….!!!

ये ख्वाब है

ये ख्वाब है, खुश्बू है, के झोंका है के तुम हो…! ये धुंध है, बादल है, के साया है, के तुम हो …

तू चाहे कितनी भी

तू चाहे कितनी भी तकलीफ दे दे….!!! सुकुन भी सिर्फ उसी के पास ही मिलता है…!!

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