ऐसे माहौल में

ऐसे माहौल में दवा क्या दुआ क्या हैं… जहाँ कातिल ही खुद पूछे की हुआ क्या हैं…

लोग कहते हैं

लोग कहते हैं कि दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है…. हैरान हूँ मैं किस वक़्त मैंने तुझे नहीं माँगा….

मेरे न हो सको तो

मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर दो, मैं जैसा था मुझे फिर से वैसा कर दो !!

प्यार अगर सच्चा हो

प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता, ना वक्त के साथ ना हालात के साथ।

हम इश्क के

हम इश्क के फ़कीर है प्यारे छीनकर ले जायेंगे… दिल की धड़कने तुम्हारी

तू इतना प्यार कर

तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!

मेरी नासमझी की

मेरी नासमझी की भी हद ना पूछिए दोस्तों, उन्हें खोकर हम फिर उन जैसा ही ढूढ रहे हैं….

मुझे बेपनाह मोहब्बत

मुझे बेपनाह मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं आता, चाहो तो मेरी “साँसो की तलाशी ले लो….

भूल बैठा है

भूल बैठा है वो मेरा नाम न जाने कब से दिल ने सदियों से जिसे अपना बना रखा है …

उठा कर कफ़न

उठा कर कफ़न , ना दिखाना चेहरा मेरा उनको उसे भी तो पता चले के यार का दीदार न हो तो कैसा लगता है…!!!

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