उस दुकान का पता दो जहा लिखा हो, ” साहिब ” टूटे दिल का काम तसल्ली-बक्श किया जाता हैं
Tag: दर्द शायरी
विश्वास कीसी पे
विश्वास कीसी पे इतना करो वो तुम्हें फंसाते समय खुद को दोषी समजे प्यार किसीसे इतना करो की उसके मन तुम्हें खोने का डर हमेशा बना रहे….
सोचते हैं जान
सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें ,इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना ।
अर्थ लापता हैं
अर्थ लापता हैं या फिर शायद शब्द खो गए हैं, रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ इरशाद होते होते….
तुम आसमाँ की
तुम आसमाँ की बुलंदी से जल्द लौट आना हमें ज़मीं के मसाइल पे बात करनी है..!
घरों पे नाम थे
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला…!
अक्सर रूठ जाते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम असल में उन्ही से रिश्ते गहरे होते हैं…
हम-सफ़र चाहिए
हम-सफ़र चाहिए हुजूम नहीं.. इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे..
मकान बन जाते है
मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।
वो बोले मुझे
वो बोले मुझे विरानियाँ पसँद है, हमने कहा मेरे दिल की सैर कर लो