हमें ए दिल कहीं ले

हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा….

दिल से निकालो

दिल से निकालो तो मान जाऊ. नजर-अन्दाज करना कोई कमाल तो नही !

कितना खुशनुमा होगा

कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी… जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहायेंगे…!!!

तुम्हारी ये आम सी

तुम्हारी ये आम सी बातें,…. मुझे बहुत ख़ास लगती है……!!

कुछ कदम जो

कुछ कदम जो साथ चल रहे थे, दरअसल वो चल नहीं छल रहे थे !!

बहुत करवाती है

बहुत करवाती है इन्तजार वो और जब मिलने का समय आता है खफा हो जाती है

बहा के आंसू

बहा के आंसू कल रात माँगा था उसे मगर अफ़सोस फरिश्तो ने कहा शर्त-ए-कबुलियत ये है की दुआ दोनों तरफ से हो

कहने को तो

कहने को तो तुम कुछ भी कहती रहो .. !! मगर भीगी पलकों से जाहिर है, कि भूली तुम भी नहीं हो..||

तलाश-ए-यार में

तलाश-ए-यार में उड़ता हुआ ग़ुबार हूँ मैं …!! पड़ी है लाश मेरी और क़ब्र से फ़रार हू मैं …!

किसी ने पूछा

किसी ने पूछा तुम्हारी सबसे बड़ी “गलतफहमी” क्या थी… मैँने हँसकर कहा की उस पर विशवास करना।

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