जिसे शिद्दत से चाहो , वो मुद्दत से मिलता है , बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत सै चाहने वाला
Tag: जिंदगी शायरी
चुना था बाग से
चुना था बाग से सब से हसीं फूल समझ कर तुझे…. मालूम न था तेरा खरीदार कोई और होगा
छलकता है कुछ
छलकता है कुछ इन आँखों से रोज़.. कुछ प्यार के कतऱे होते है ..कुछ दर्द़ के लम्हें|
जो मौत से
जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया… एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया…!
अब न ख्व़ाबों से
अब न ख्व़ाबों से, ख़िलौनों से, बहल पाऊँगा, वक़्त गुम हो गया, मुझसे मेरा बचपन लेकर
बरकरार रख तू
बरकरार रख तू अपना हौंसला हर कदम पर पत्थरों पर अभी किस्मत आजमाना बाकी है..
हजारो ने दिल हारे है
हजारो ने दिल हारे है तेरी सुरत देखकर, कौन कहता है तस्वीर जूआँ नही खेलती.
जरा ठहर ऐ जिंदगी
जरा ठहर ऐ जिंदगी तुझे भी सुलझा दुंगा , पहले उसे तो मना लूं जिसकी वजह से तू उलझी है..
रात भर चलती रहती है
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर, किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया|
तुम हज़ार बार भी
तुम हज़ार बार भी रुठोगे तो मना लूंगा तुमको मगर, शर्त ये है कि मेरे हिस्से की मुहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो..