गुजर जाऊंगा यूँ ही किसी लम्हे की तरह, और तुम….. औरो में ही उलझे रहना..!!
Tag: जिंदगी शायरी
नाराजगी बहुत वाजिब है…
तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है… मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !
तेरी मोहब्बत से…
जो महकते हो तेरी मोहब्बत से…मैंने उन जज़्बात से मोहब्बत की है…
कोई मेरे दिल में
कोई मेरे दिल में रहकर भी || बेखबर है मुझसे ||
ग़ैरों से पूछता है
ग़ैरों से पूछता है तरीका निजात का… अपनों की साजिशों से परेशान ज़िन्दगी…
कौन चाहता है
कौन चाहता है तेरी यादो से रिहा होना, ये तो वो कैद है जो जान से ज्यादा अज़ीज़ है|
तेरे बाद किसी को
तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने, हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही…!
नज़र से नज़र मिलाकर
नज़र से नज़र मिलाकर तुम नज़र लगा गए… ये कैसी लगी नज़र की हम हर नज़र में आ गए!!
दिल को समझाने के बहाने
दिल को समझाने के बहाने बहुत हैं पर आंखों के आँसू को छुपाऊँ कहाँ ?
कल जहाँ में था
कल जहाँ में था, आज वहाँ कोई और है। वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है।