उन का ख़याल आ गया

हुई शाम उन का ख़याल आ गया वही ज़िंदगी का सवाल आ गया…

जब वो मुझको…

जब वो मुझको…मेरा नहीं लगता, कुछ भी अपनी जगह नहीं लगता.!!

तेरा रुतबा बहुत

तेरा रुतबा बहुत बुलंद सही, ……देख हम भी खुदा के बन्दे हैं.!!

हर वक़्त ख्याल

हर वक़्त ख्याल उसका ऐ दिल, क्या मैं तेरा कुछ भी नहीं लगता..

ज़िंदगी भर नम रहीं

ज़िंदगी भर नम रहीं आँखें तो क्या . ले तेरे बिन भी गुज़ारा कर लिया…

कोई मेरे दिल में

कोई मेरे दिल में रहकर भी बेखबर है मुझसे ||

मुझे सम्भालने मे

मुझे सम्भालने मे इतनी अहेतीयात मत कर , मै बिखर न जाऊ कहीँ तेरी हिफाजत मे..

ऐ समन्दर मैं

ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं… वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनमें मैं समाता हूं…

कौन चाहता है

कौन चाहता है तेरी यादो से रिहा होना, ये तो वो कैद है जो जान से ज्यादा अज़ीज़ है |

नज़र से नज़र मिलाकर

नज़र से नज़र मिलाकर तुम नज़र लगा गए… ये कैसी लगी नज़र की हम हर नज़र में आ गए!!

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