वो धागा ही था

वो धागा ही था जिसने छिपकर पूरा जीवन मोतियों को दे दिया… और ये मोती अपनी तारीफ पर इतराते रहे उम्र भर…।

बड़ी अजीब सी

बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी उन्की …..!पहले पागल किया,फिर पागल कहा, फिर पागल समझ कर छोड़ दिया….!!

काश कुछ लोग

काश कुछ लोग बेईमान नही होते , तो आज इतने लोग परेशान ना होते

वक़्त बदल देता है

वक़्त बदल देता है मसले सारे, जिससे हँसते थे उसका ख्याल रुला देता है।

वो भी क्या ज़िद थी

वो भी क्या ज़िद थी, जो तेरे मेरे बीच इक हद थी ! मुलाकात मुकम्मल ना सही, मुहब्बत बेहद थी…!!

धोखा देती है

धोखा देती है शरीफ चेहरोंकी चमक अक्सर..!! हर कांच का टूकड़ा हीरा नहीं होता..!!..

कैसी बातें करते हो

कैसी बातें करते हो साहब मैं लफ़्ज़ों से भी ना खेलूँ , ज़माना तो दिलों से खेलता है…

सुना है वो गुस्से मे

सुना है वो गुस्से मे हर चीज़ तोड़ देते हैं, मेरा तो दिल है उनके पास, खुदा खैर करे !

छू जाती है

छू जाती है वो मुझे कितनी ही दफ़ा ख्वाब बनकर…. ये दुनिया तो खामखां कहती है कि वो मेरे नसीब में नहीँ..!!

पसंद करने लगे हैं

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे, मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं।

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