पता नही होश मे हूँ या बेहोश हूँ मैं.. पर बहूत सोच समझकर खामोश हूँ मैं..
Tag: जिंदगी शायरी
दीवानगी के लिए
दीवानगी के लिए तेरी गली मे आते हैं.. वरना.. आवारगी के लिए सारा शहर पड़ा है..
तोड़ दो ना वो कसम
तोड़ दो ना वो कसम जो खाई है, कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है..
साँसों को मोहब्बत है
साँसों को मोहब्बत है धड़कन से,हम्हे ऐसी मोहब्बत है तुमसे|
ना ढूंढ मेरा
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में… वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है|
मेरा रफीक़ मुझको
मेरा रफीक़ मुझको आजमाने लगा फिर मोहब्बत का मजा आने लगा|
खुद को ही खुद में
खुद को ही खुद में उलझा लिया मैंने.. मुझे वहम था, तुझे सुलझा लिया मैंने..
खुदा की बन्दगी..
खुदा की बन्दगी.. शायद अधूरी रह गई.. तभी तेरे मेरे दरमियाँ.. ये दूरी रह गई..
रिश्ता तोडना मेरी
रिश्ता तोडना मेरी फितरत में नहीं, हम तो बदनाम है रिश्ता निभाने के लिये..
दर्द आवाज छीन लेता है
दर्द आवाज छीन लेता है, खामोशी बेवजह नहीं होती..