बड़ा अजीब होता है

बड़ा अजीब होता है मोहब्बत का खेल, एक थक जाये तो दोनों हार जाते हैं।

तेरी एक झलक पाने को

तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा….! खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है..!!

कभी साथ बैठो

कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या दर्द है मेरा…… तुम दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहेगे …

आओ बताता हूँ…

आओ बताता हूँ… अपने दर्द कॊ क्यों नही दर्शाता हूँ… साहेब घर चलाना पड़ता है… इसलिए हर अपमान अपना सह जाता हूँ…

समंदर ने कहा

समंदर ने कहा मुझको बचा लो डूबने से… मैं किनारे पे समन्दर लगा के आया हूँ…

उसके जैसी कोई

उसके जैसी कोई दूसरी कैसे हो सकती है, अब तो वो खुद भी खुद के जैसी नहीं रही !!

अगर समझ पाते

अगर समझ पाते तुम मेरी चाहत की इन्तेहा तो, हम तुमसे नही, तुम हमसे मुहब्बत करते… !!

आ बैठ मेरे पास

आ बैठ मेरे पास बरबाद अब कुछ रातें करते हैं बन जा तू शब्द मेरे फिर दिल की, दिल से कुछ बातें करते हैं……

इश्क़ के आगोश में

इश्क़ के आगोश में आने वालों सुनो, नींद नहीं आती बिना महबूब की बाहों के..

चलो तबाह ही सही…

खैर कुछ तो किया उसने… चलो तबाह ही सही…

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