जाने क्या था जाने क्या है जो मुझसे छूट रहा है…. यादें कंकर फेंक रही है दिल अंदर से टूट रहा है…..
Tag: प्यार
इन्सान की चाहत
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले, और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले|
नया ही रंग सामने आया
जब जब सच बोलके देखा मुह पे इंसान के, हर वक़्त एक नया ही रंग सामने आया ।
कोई कम्बखत उछाल न दे
कोई कम्बखत उछाल न दे हवा में…. अपने गालों से लग जाने दे. एक मुठ्ठी गुलाल ही तो हूँ
हँसती नजर आएगी!
जरा मुस्कुरा के देखो, दुनिया हँसती नजर आएगी!
वो रुठ कर बोली
वो रुठ कर बोली क्यूं इतना दर्द लिखते हो, मैंने मुस्कुरा के कहा.. शायरी कोई कानूनन जुर्म तो नहीं..!
ताल्लुकात बढ़ाने हैं
ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी सीख लो.. ऐब न हों.. तो लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते
ये सोचकर हमने
ये सोचकर हमने ख़ुद को बेरंग रखा है,. ऐ दोस्तों,. सुना है सादगी ही मोहब्बत की रूह होती है…!!
उसके तेवर समझना
उसके तेवर समझना भी आसां नहीं बात औरों की थी, हम निगाहों में थे |
चेहरे को आज तक
चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है.! हमने गुलाल और को मलने नहीं दिया..!!