इन मासूम निगाहों को

इन मासूम निगाहों को पहचानती तो होगी न तुम.!! !!.अब इनमे दर्द और अश्कों की वजह सिर्फ तुम हो..

खींचो न कमानों को

खींचो न कमानों को,न तलवार निकालो, ग़र दुश्मन हो मुकाबिल तो अखबार निकालो।

प्यार का शुक्रिया

प्यार का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू आप भूल बी जाओ तो मे हर पल याद करू प्यार ने बस इतना सिखाया हे मूज़े की खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..!!

दूर हो जाने की तलब

दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा बस याद रहे की मुड़कर देखने की आदत इधर भी नही

मेरी तरह मोहब्बत

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की, हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

आ गया फरक

आ गया फरक उसकी नजरोँ में यकीनन, अब वो हमें ‘खास अदांज’ से ‘नजर अदांज करते हैं..!!

देखा हुआ सा कुछ है

देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ हर वक़्त मेरे साथ है उलझा हुआ सा कुछ..!!

दर्द ज़रूर देती है..!

मोहब्बत कितनी भी सच्ची क्यों ना हो, एक ना एक दिन तो आंसू और दर्द ज़रूर देती है..!!

रात में जलना होगा

आज फिर चाँद की पेशानी से उठता है धुआँ आज फिर महकीं हुई रात में जलना होगा ।

अच्छा बनने की हसरत

अच्छा बनने की हसरत सी जागी है मुझमें मेरे मालिक, जबसे सुना है आप अच्छे लोगो को जल्दी बुला लेते हो..

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