झूम लूं तेरी ही बाँहों में

झूम लूं तेरी ही बाँहों में एक खुशी बनकर, जो….मिल जाए तू मुझे एक जिंदगी बनकर …

तेरी रूह में

तेरी रूह में सन्नाटा है और मेरी आवाज़ में चुप तू अपने अंदाज़ में चुप है मैं अपने अंदाज़ में चुप !!

रहने दे कुछ बाते

रहने दे कुछ बाते यूं ही अनकही सी, कुछ जवाब तेरी मेरी ख़ामोशी मे अटके ही अच्छे है़।

हमने गुजरी हुई

हमने गुजरी हुई वफ़ाओ का हवाला जो दिया…!!! वो हंस के कहने लगे…”रात गई बात गई”…

कैसे किससे क्या करें

कैसे किससे क्या करें, जाकर कहाँ अपील। कोर्ट कचहरी में चले, झूठी सिर्फ़ दलील।।

काश मेरा घर

काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता मोहब्बत न सही दीदार तो नसीब होता।।।

बन्दे तू कर बंदगी

बन्दे तू कर बंदगी, तो पावे दिदार । अवसर मानुष जनम का बहुरी न बारंबार ॥

मुहब्बत शोर है

मुहब्बत शोर है तो शोर मत कर इबादत है तो फिर, कुछ और मत कर

घुटन के आँसू पीता है

घुटन के आँसू पीता है , जो रिश्तों में नही किश्तों में जीता है ….

आधे से कुछ ज्यादा..

आधे से कुछ ज्यादा…पूरे से कुछ कम कुछ ज़िंदगी..कुछ गम …कुछ इश्क..और कुछ हम…

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